ज़ाइरीन को 40 बरस से पिला रहे थे मुफ़्त चाय, मस्जिदे नबवी में खातून और सिक्योरिटी गार्ड के बीच हुई हाथापाई

 शव्वाल उल मुकर्रम, 1446 हिजरी 

   फरमाने रसूल   ﷺ    

"सिर्फ तीन जगह पर झूठ जाएज़ और हलाल है, एक ये के आदमी अपनी बीवी से बात करें ताकि उसको राज़ी कर ले, दूसरा जंग में झूठ बोलना और तीसरा लोगों के दरमियान सुलह कराने के लिए झूठ बोलना।"

- अबू दाऊद 

शाम के शहर हमाह से था मदीना मुनव्वरा में इन्सानियत की बेलौस ख़िदमत करने वाले शेख़ इस्माईल का ताल्लुक़ 

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बख्तावर अदब : मुस्लमानों के लिए दुनियाभर में दूसरे इंतिहाई मुक़द्दस शहर मदीना मुनव्वरा में 40 बरस से ज़ाइरीन को मुफ़्त चाय और क़हवा पिलाने वाले 96 साला शेख़ इस्माईल अलज़ाइम अब्बू इंतिक़ाल कर गए। शाम के शहर हमास से ताअल्लुक रखने वाले शेख इस्माईल गुजिश्ता पचास सालों से मदीना मुनव्वरा में मुकीम थे और हर आने वाले जाइरीन को मुफत चाय, काफी और खुजूर पेश किया करते थे। कभी-कभी ज़ाइरीन को वे अपने आबाई इलाक़े से आने वाली रिवायती मिठाईयां भी पेश करते थे।
    जानकारी के मुताबिक 96 साला बुज़ुर्ग शेख़ इस्माईल अलज़ाइम मस्जिद नबवी ﷺ के क़रीब एक प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठ जाते। उनके सामने एक मेज़ होती जिस पर काफ़ी चाय के अलावा मीठे पकवान की प्लेट भी होती और जो भी जायरीन उनके सामने से गुजरता, उसे वे चाय पेश करते। जायरीन पैसा देना चाहते तो वे मना कर देते। इस तरह इन्सानी ख़िदमत के सबब वे पैग़ंबर रसूल ﷺ के मेहमानों के मेज़बान के तौर पर मशहूर थे। 

ख़ातून और सिक्योरिटी गार्ड के बीच हुई हाथापाई

    मदीना मुनव्वरा में मस्जिद नबवी ﷺ में एक ख़ातून और सिक्योरिटी गार्ड के दरमयान पिछले दिनों हुई हाथापाई का वीडियो सोशल मीडया पर वाइरल होने के बाद सऊदी हुक्काम का मौकूफ सामने आया है। तफ़सीलात के मुताबिक़ मस्जिद नबवी 000 में ख़ातून और सिक्योरिटी अहलकार के दरमयान पेश आने वाले वाकिये पर सऊदी जनरल डायरेक्टोरेट आफ़ पब्लिक सिक्योरिटी ने कहा कि महकमा मस्जिद नबवीﷺ  में एक खातून की जानिब से सिक्योरिटी अहलकार पर हमला करने वाले वाकिये की ताहकीकात की जा रही है। हुक्काम ने कहा कि जब कोई अहलकार अपने दायरा इख़तियार में ज़वाबत और हिदायात पर अमल दरआमद करने और ख़िलाफ़ वर्जियों का पता लगाने के अपने फ़राइज़ अंजाम दे रहा हो तो किसी सिक्योरिटी अफ़्सर पर हमला करना ममनू है, इन कार्यवाईयों को बड़े जराइम तसव्वुर किया जाता है जिनकी गिरफ़्तारी और सख़्त सज़ा दी जाती है।

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