शव्वाल उल मुकर्रम, 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
"ऐसे शख्स की बददुआ से बचो जिस पर ज़ुल्म किया गया हो, इसलिए कि उसकी बददुआ और अल्लाह के दरमियान कोई आड़ नही होती।"
- तिर्मिज़ी
अल मदद एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी ने कश्मीर के पहलगाम में की गई नस्लकुशी के खिलाफ मुजाहिरा किया। सिविक सेंटर में हुए इस मुजाहिरे में आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को मोमबत्ती जलाकर खेराजे अकीदत पेश की गई।
इस दौरान सोसायटी की प्रेसिडेंट अंजुम ने कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में हम सब एकजुट हैं। इसमें कहीं भी जाति-मजहब की बिना पर भेद न किया जाए। सबसे पहले हम सब हिंदुस्तानी हैं और इंसानियत हमारा मजहब है। इस दौरान खुसूसी तौर पर सेक्रेटरी कौसर खान, नायब सदर शबाना सिद्दीकी, लीना तज़ीन, नरगिस, एसएन शेख, शमशुन, कैसर इकबाल, रेहाना, मिस्बाह हुसैन, रुखसाना सिद्दीकी और फरीदा अली समेत तंजीम की दीगर खवातीन मौजूद थीं।
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